प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो तीन समान किस्तों (₹2,000 प्रत्येक) में हर चार महीने में सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। 20वीं किस्त जून 2025 में जारी होने की संभावना है, हालांकि अभी तक आधिकारिक तारीख की पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश (यूपी) सहित देशभर के कुछ किसानों को इस किस्त का लाभ नहीं मिलेगा। निम्नलिखित श्रेणियों के किसान PM-KISAN योजना के लाभ से वंचित रहेंगे:
इन किसानों को नहीं मिलेगा लाभ:
- आधार से संबंधित समस्याएं:
- जिन किसानों ने PM-KISAN पोर्टल पर e-KYC पूरा नहीं किया है, उन्हें 20वीं किस्त नहीं मिलेगी। e-KYC अनिवार्य है, और इसे pmkisan.gov.in पर ऑनलाइन या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से पूरा करना होगा।
- जिनके आधार नंबर बैंक खाते से लिंक नहीं हैं या आधार में गलत जानकारी (जैसे नाम, जन्म तिथि) है, उनके खाते में राशि हस्तांतरित नहीं होगी।
- आधार कार्ड के बिना योजना में पंजीकरण संभव नहीं है।
- अपात्र श्रेणियां:
- संस्थागत भूस्वामी: जिनके पास संस्थागत भूमि है, वे योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
- उच्च आर्थिक स्थिति वाले किसान:
- आयकर दाता: पिछले आकलन वर्ष में यदि किसान या उनके परिवार का कोई सदस्य आयकर दाता है, तो वे अपात्र हैं।
- बड़े भूस्वामी: हालांकि योजना अब सभी भूस्वामियों के लिए खुली है, लेकिन गलत घोषणा (जैसे गैर-कृषि भूमि को कृषि भूमि के रूप में दिखाना) के कारण लाभ रद्द हो सकता है।
- गलत दस्तावेज या जानकारी:
- जिन किसानों ने पंजीकरण के दौरान गलत रोल नंबर, बैंक खाता विवरण, या भूमि स्वामित्व दस्तावेज जमा किए हैं, उनके लाभ रोक दिए जाएंगे। गलत जानकारी देने पर हस्तांतरित राशि की वसूली और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
- जिनके दस्तावेज सत्यापन में विफल रहे हैं, जैसे कि भूमि रिकॉर्ड में बेमेल होना।
- राज्य सरकार द्वारा सत्यापन में देरी:
- यूपी में कुछ किसानों को लाभ इसलिए नहीं मिलता क्योंकि राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों की सूची को समय पर सत्यापित नहीं किया जाता।
- सर्वेक्षणों के अनुसार, यूपी में केवल 21% पात्र किसानों ने ही योजना का लाभ प्राप्त किया है, जो हरियाणा और राजस्थान की तुलना में कम है।
- अन्य तकनीकी कारण:
- बैंक खाते में तकनीकी समस्याएं, जैसे खाता बंद होना, गलत IFSC कोड, या DBT (Direct Benefit Transfer) के लिए खाता निष्क्रिय होना।
- जिन किसानों का नाम लाभार्थी सूची में नहीं है, उन्हें किस्त नहीं मिलेगी। लाभार्थी सूची की जांच pmkisan.gov.in पर "Beneficiary Status" या "Beneficiary List" विकल्प के माध्यम से की जा सकती है।
फार्मर रजिस्ट्री: यूपी में जिन किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई है, उन्हें 20वीं किस्त से वंचित रहना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, गोंडा जिले में 5 लाख किसानों में से केवल 2.62 लाख ने रजिस्ट्री कराई है। फार्मर रजिस्ट्री को अनिवार्य किया गया है, जो ऋण बीमा, फसल बीमा, और आपदा राहत जैसी सुविधाओं के लिए जरूरी है।
यूपी में स्थिति:
- यूपी में PM-KISAN योजना का कार्यान्वयन सीमित रहा है। 125 मिलियन छोटे और सीमांत किसान परिवारों में से केवल 32% को ही लाभार्थी सूची में शामिल किया गया है।
- यूपी में कई किसानों को पहली और दूसरी किस्त भी पूरी तरह से प्राप्त नहीं हुई थी, जिसका कारण सत्यापन प्रक्रिया में देरी और तकनीकी समस्याएं थीं।
- योजना का लाभ बड़े किसानों को अधिक मिल रहा है, जबकि छोटे और सीमांत किसान, जो योजना के मुख्य लक्ष्य हैं, अक्सर बाहर रह जाते हैं।
20वीं किस्त की स्थिति:
- संभावित तारीख: जून 2025 में 20वीं किस्त 9 करोड़ से अधिक किसानों के लिए जारी होगी।
- राशि: ₹2,000 प्रति लाभार्थी, जो सीधे बैंक खातों में DBT के माध्यम से हस्तांतरित होगी।
- आधिकारिक घोषणा: तारीख की पुष्टि के लिए pmkisan.gov.in या सरकार की प्रेस विज्ञप्तियों पर नजर रखें।
क्या करें अगर लाभ नहीं मिला:
- e-KYC अपडेट करें:
- pmkisan.gov.in पर जाएं, "e-KYC" विकल्प चुनें, आधार नंबर और कैप्चा दर्ज करें, और OTP के माध्यम से सत्यापन पूरा करें।
- वैकल्पिक रूप से, नजदीकी CSC सेंटर पर जाएं।
- लाभार्थी स्थिति जांचें:
- PM-KISAN पोर्टल पर "Beneficiary Status" में आधार नंबर, मोबाइल नंबर, या खाता नंबर डालकर स्थिति जांचें।
- गांव की लाभार्थी सूची भी जांचें।
- हेल्पलाइन से संपर्क:
- PM-KISAN हेल्पलाइन: 155261 या 011-24300606
- ईमेल: pmkisan-ict@gov.in
- स्कूल से संपर्क करें:
- यदि दस्तावेज या सत्यापन में समस्या है, तो स्थानीय कृषि कार्यालय या तहसील से संपर्क करें।
सलाह:
- आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें: फर्जी खबरों से बचें, जैसे गलत तारीखों या लाभ की राशि के दावे। केवल pmkisan.gov.in या सरकारी घोषणाओं पर भरोसा करें।
- दस्तावेज तैयार रखें: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और भूमि स्वामित्व दस्तावेज (जैसे खसरा-खतौनी) तैयार रखें।
- समय पर सत्यापन: e-KYC और अन्य सत्यापन प्रक्रियाएं समय पर पूरी करें ताकि किस्त में देरी न हो।